हाथ जोड़ते रहे मृतक के परिजन धमकी देता रहा अफसर, VIDEO वायरल
lakhimpur kheri में पुलिस कस्टडी में युवक की मौत के बाद ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. पुलिस के लाठीचार्ज के विरोध में परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्हें समझाने गई पुलिस का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह परिजनों को धमकाते हुए दिख रही है.

वर्दी का रौब, पद की धौंस, ये हैं लखीमपुर के धमकीबाज अफसर पीपी सिंह। जिनको जिम्मेदारी दी थी समझाने की लेकिन ये उतर आए धमकाने पर और वो भी उस परिवार को जो अभी अपने बेटे की मौत के सदमे में है। गमजदा है अभी कुछ सोचने समझने की हालत में नहीं है लेकिन पुलिस अफसर पीपी सिंह पूरे तैश में हैं औऱ संवेदनहीनता की सारी हदें ही पार कर दीं।
आपको ये पूरा घटनाक्रम समझाते हैं दरअसल, लखीमपुर खीरी के निघासन थाना इलाके में पुलिस ने एक लड़के रामचंद्र मौर्य को शराब बनाने के आरोप में अरेस्ट किया था। पुलिस उसे मझगई थाने ले आई। आरोप है कि पुलिस ने आरोपी की जमकर पिटाई की।जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इधर जब परिजनों को पता लगा तो वे अस्पताल पहुंचे और पुलिस से शव लेने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस और परिजनों की नोक झोंक हुई और मामला गर्मा गया। हंगामा बढ़ गया पुलिस और परिजन आमने सामने आ गया। इस दौरान भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। विवाद बढ़ते देख मौके पर CO पीपी सिंह को परिजनों को समझाने की जिम्मेदारी दी। लेकिन समझाते समझाते पुलिस अधिकारी आपा ही खो बैठे। और इनके समझाने का अंदाज जरा खुद देखिए।
पुलिस अफसर की बदसलूकी यहीं नहीं रूकी। पीपी सिंह जहां मृतक के परिजनों को रौब दिखा रहे हैं तो वहीं, इंस्पेक्टर दयाशंकर द्विवेदी परिवार को झूठे मामले में फंसाने की धमकी देते दिखे। उनका जो वीडियो सामने आया है उसमें देख सकते हैं आक्रोशित ग्रामीणों ने जाम लगा दिया। इस दौरान इंस्पेक्टर दयाशंकर द्विवेदी एक ग्रामीण के ट्रैक्टर को रोककर कह रहे हैं कि ट्रैक्टर छुड़वाकर दिखा देना। कनस्तर के भाव बिकवा दूंगा।
एक एक कर पुलिस के कई अधिकारियों ने अमानवीयता का ऐसा परिचय दिया कि कोई गुंडा मवाली भी ऐसा ना करे। भाषा देखिए, अंदाज देखिए। दुख दर्द नहीं समझना लेकिन धौंस पूरी जमानी है और तो और पीड़ित परिवार को ही झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रहे हैं ऐसे में इनकी विश्वसनीयता पर भी सवाल उठने लगा। रामचंद्र मौर्य की हिरासत में वो थ्योरी सही है जो पुलिस बता रही है या परिवार के आरोपों को खुद पुलिस सच साबित करती दिख रही है। इस मामले में मृतक के परिजनों का कहना है कि उनका बेटा जंगल में लकड़ी लाने गया था। पुलिस ने उसे झूठे केस में जंगल से ही अरेस्ट कर लिया और इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई। परिजनों ने निष्पक्ष जांच और 30 लाख मुआवजे की मांग की।
वहीं, रामचंद्र मौर्य की पुलिस कस्टडी में मौत के मामले ने सियासी रंग भी ले लिया। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने धरहौरा CO पीपी सिंह का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, BJP ह्रदयहीन पार्टी है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी सरकार पर सवाल उठाया।
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ आजाद समाज पार्टी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने भी इसे मानवाधिकारों का खुला हनन बताया। बहरहाल यूपी पुलिस की ये कार्यशैली कई सवाल खड़े कर रही है ऐसे में देखना होगा एक मृतक के परिवार के साथ अमानवीय बर्ताव करने वाली इस पुलिस पर CM योगी क्या एक्शन लेते हैं।