निगम बोध पर उपराष्ट्रपति के पहुंचते ही PM Modi हो गये खड़े लेकिन बैठे रहे Congress नेता !
Manmohan Singh के अंतिम दर्शन के दौरान पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सम्मान में खड़े हो गये पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह जैसे नेता लेकिन नहीं खड़े हुए कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता तो संस्कार पर उठे सवाल !

जिस कांग्रेस पर अपने ही कद्दावर नेता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव से नफरत करने के आरोप लगते रहे हैं। उस कांग्रेस ने इस बार हमारे देश के उपराष्ट्रपति के सम्मान में खड़ा होना भी बेहतर नहीं समझा।जिसने कांग्रेस नेताओं के सियासी संस्कार पर भी सवाल उठा दिया।
जिस निगम बोध घाट पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर रखा हुआ था। उसी पार्थिव शरीर के पास पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह। गृहमंत्री अमित शाह। के साथ साथ कर्नाटक के सीएम सिद्दारमैया। तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी। हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सुक्खू। के साथ ही गांधी परिवार से प्रियंका गांधी और उनके पति रॉबर्ट वाड्रा भी बैठे थे। तभी देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी निगम बोध घाट पर पहुंचे। और तुरंत पीएम मोदी से लेकर अमित शाह। राजनाथ सिंह जैसे तमाम नेता खड़े हो गये।
निगम बोध घाट से आई इस इस 16 सेकेंड की वीडियो को गौर से देखिये। एक बार नहीं। बार बार देखिये। और समझिये कि एक नेता के अंदर सियासी संस्कार की समझ होना क्यों जरूरी है।जिस भारत में राष्ट्रपति के बाद उपराष्ट्रपति का पद सबसे बड़ा पद होता है। यही वजह है कि जैसे ही वो निगम घाट पहुंचे तुरंत पीएम मोदी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह। गृहमंत्री अमित शाह के साथ ही कांग्रेस के दिग्गज नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर हुड्डा और सांसद प्रियंका गांधी भी उनके सम्मान में कुर्सी छोड़ कर खड़ी हो गईं। और अभिवादन भी किया। लेकिन ठीक पीछे बैठे कर्नाटक के सीएम सिद्दारमैया। तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी।हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सुक्खू। जैसे कांग्रेसी नेता संवैधानिक पद पर होने के बावजूद देश के उपराष्ट्रपति के सम्मान में खड़े होना बेहतर नहीं समझा।
बात यहीं खत्म नहीं होती। केरल की वायनाड सीट से नई नई सांसद बनीं प्रियंका को भी ये बात पता है कि उपराष्ट्रपति के अभिवादन में खड़ा होना है। लेकिन ना तो सीएम सिद्दारमैया, सीएम सुक्खू, सीएम रेवंत रेड्डी खड़े हुए और ना ही प्रियंका गांधी के पति खड़े हुए ।सिर्फ भूपिंदर हुड्डा और प्रियंका गांधी ही खड़ी हुईं। भूपिंदर हुड्डा भी शायद इसलिये खड़े हुए क्योंकि हुड्डा और उपराष्ट्रपति जी एक ही समुदाय के हैं तो हुड्डा ने सोचा होगा कि राम-राम कर लेता हूं। जिस पर जितेंद्र सिंह नाम के एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा।" उपराष्ट्रपति जी आये, प्रधानमंत्री रक्षा मंत्री और अमित शाह जी सम्मान में खड़े हुए, पीछे विपक्ष के सभी नेता हैं, सिर्फ हुड्डा खड़े होकर प्रणाम किया, वह भी मुझे लगता है इसलिए क्योंकि हुड्डा और उपराष्ट्रपति जी एक ही समुदाय के हैं तो हुड्डा जी ने सोचा होगा कि राम-राम कर लेता हूं, लेकिन विपक्ष के किसी भी नेता ने उपराष्ट्रपति को सम्मान देना उचित नहीं समझा"
बीजेपी नेता आशीष अग्रवाल ने लिखा "राष्ट्रीय वरिष्ठ पद का अपमान, कांग्रेस की सदैव पहचान, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम दर्शन करने आए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जी का प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री और भूपेंद्र हुड्डा ने सम्मान किया लेकिन कांग्रेस के अन्य नेता टस से मस नहीं हुए"
वैसे आपको बता दें। कांग्रेस पर पूर्व प्रधानमंत्रियों के अपमान का आरोप कोई नई बात नहीं। नरसिम्हा राव जैसे कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री के अपमान का आरोप भी कांग्रेस पर लग चुका है।
इतना ही नहीं देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कांग्रेस के कद्दावर नेता हुआ करते थे। लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस ने उनके निधन पर शोकसभा भी नहीं रखी थी। खुद प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक पोस्ट में लिखा।"जब 2020 में उनके पिता और देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हुआ तो कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस कार्य समिति द्वारा शोक सभा बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई, कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने उनसे कहा था कि भारत के राष्ट्रपतियों के निधन पर पार्टी की सीडब्ल्यूसी द्वारा शोक सभा बुलाने की परंपरा नहीं रही है"
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस नेताओं के इस तर्क को भी गलत बताया और कहा कि।"अपने पिता की डायरियों से पता चला है कि एक और पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई गई थी, उस दौरान शोक संदेश का मसौदा खुद मेरे पिता प्रणब मुखर्जी ने ही तैयार किया था"
प्रणब मुखर्जी।पीवी नरसिम्हा राव जैसे कांग्रेस नेता ही नहीं हैं। ऐसे कांग्रेस नेताओं की लिस्ट लंबी है। जिनके अपमान का आरोप कांग्रेस पर लगता रहा है। यहां तक कि मनमोहन सिंह जब प्रधानमंत्री थे। तो उनकी कैबिनेट से पास प्रस्ताव फाड़ने का आरोप भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर लग चुका है।