Yogi सरकार की तैयारी देख Congress भी दंग, अब वो भी महाकुंभ की तर्ज पर यमुना में कराएगी छठ !
Prayagraj में होने जा रहे महाकुंभ के लिए योगी सरकार ने की ऐसी तैयारी कि विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी देख कर हैरान रह गई और अब तो उसने भी दिल्ली में यमुना किनारे महाकुंभ की तर्ज पर छठ पूजा कराने का वादा कर दिया है !

चुनावी तारीखों का ऐलान होते ही एक बार फिर राजधानी दिल्ली की सत्ता हासिल करने की सियासी जंग शुरू हो गई है। एक तरफ जहां सत्ता धारी आम आदमी पार्टी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ रही है। तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने भी सत्ता हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।जबकि करीब 19 साल तक दिल्ली की सत्ता में रही कांग्रेस लगता है यूपी की योगी सरकार की नकल के दम पर सत्ता हासिल करने का ख्वाब देख रही है।
दरअसल जब भी राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव होता है। यमुना नदी की चर्चा जरूर होती है। कोई भी चुनाव यमुना नदी की चर्चा के बिना नहीं होता है।क्योंकि जिस यमुना नदी के किनारे राजधानी दिल्ली बसी है। उस यमुना नदी की हालत ऐसी है कि जिसमें नहाना तो छोड़ दीजिये। पास जाने पर भी नाक मुंह बंद करना पड़ता है। ऐसी हालत हो गई है। लेकिन इसके बावजूद यमुना नदी की सफाई करने की बजाए ये सिर्फ एक चुनावी मुद्दा बन कर रह जाता है।शायद यही वजह है कि अब कांग्रेस ने यमुना को साफ कराने का चुनावी वादा किया है।वो भी योगी सरकार की तर्ज पर।
उत्तर प्रदेश के जिला प्रयागराज में लगने जा रहे महाकुंभ में इस बार 45 करोड़ से भी ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। जिसके लिए योगी सरकार ने भी जोरदार तैयारी करते हुए जिस संगम क्षेत्र में महाकुंभ लगता है। उस क्षेत्र को ही अस्थायी जिला घोषित कर उसका नाम कुंभ मेला क्षेत्र रख दिया। तो वहीं गंगा यमुना को भी इतना साफ करवा दिया है कि साधु संन्यासियों के साथ ही आम श्रद्धालु भी बड़े ही आराम के साथ आस्था की डुबकी लगा सकेंगे। महाकुंभ में योगी सरकार की तैयारी ने लगता है कांग्रेस का भी दिल जीत लिया है।इसीलिये दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस ने भी वादा कर दिया है कि हम यमुना की ऐसी सफाई करवाएंगे कि यहां भी महाकुंभ की तर्ज पर महापर्व छठ का आयोजन हो सकेगा। और यमुना के किनारे स्थान निर्धारित कर उसे जिला घोषित किया जाएगा।
जैसे ही चुनाव करीब आया कांग्रेस ने भी यमुना साफ कराने का वादा कर दिया।और ये ऐलान भी बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह को दिल्ली बुलाकर उनसे करवाया गया। क्योंकि कांग्रेस की नजर भी पूर्वांचल और बिहार से आकर दिल्ली में बसे लोगों के वोट बैंक पर है। इसीलिये यमुना की सफाई कराने के साथ साथ छठ पूजा की भी बात की गई और छठ घाट का नाम मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा के नाम पर रखने का वादा किया गया। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि यमुना की सफाई की याद कांग्रेस को उस वक्त क्यों नहीं आई जब पंद्रह साल तक कांग्रेस सत्ता में थी और शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थीं। जिनके काम पर कांग्रेस आज भी वोट मांग रही है।
लेकिन यमुना की सफाई को लेकर शीला दीक्षित की सरकार ने क्या किया। ये नहीं बता पा रही है। क्योंकि बाकी सरकारों की तरह कांग्रेस सरकार ने भी यमुना नदी की सफाई कराने की बजाए इस मुद्दे को नजरअंदाज ही किया। और अब जब चुनाव आया तो एक बार फिर यमुना नदी की सफाई का वादा करने लगी।वो भी महाकुंभ की तर्ज पर।यानि जिस तरह से योगी सरकार ने अलग जिला बनाकर महाकुंभ की तैयारी की है। उसी तरह से कांग्रेस भी अलग जिला बना कर यमुना के तट पर छठ महापर्व का आयोजन करवाएगी।और यही योगी सरकार की सबसे बड़ी जीत है कि अब तो कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियां भी महाकुंभ की तैयारी को लेकर ना चाहते हुए भी तारीफ कर रही हैं। और महाकुंभ की तर्ज पर यमुना के तट पर छठ का आयोजन कराने का वादा कर रही हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या कांग्रेस सत्ता में आने के बाद यमुना साफ करवा पाएगी।