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AAP पार्टी के उम्मीदवार अवध ओझा ने अरविन्द केजरीवाल को दिया भगवान का दर्जा, कहा-'केजरीवाल कृष्ण के अवतार हैं'

Arvind Kejriwal: मंगलवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत करते हुए कहा कि जब भी कोई व्यक्ति गरीबों का मसीहा बनने की कोशिश करता है, तो उसके पीछे समाज के कंस पड़ जाते हैं।
AAP पार्टी के उम्मीदवार अवध ओझा ने अरविन्द केजरीवाल को दिया भगवान का दर्जा, कहा-'केजरीवाल कृष्ण के अवतार हैं'
Photo by:  Google

Arvind Kejriwal: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पटपड़गंज सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार अवध ओझा ने अरविंद केजरीवाल को भगवान श्री कृष्ण का अवतार बताया। उन्होंने मंगलवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत करते हुए कहा कि जब भी कोई व्यक्ति गरीबों का मसीहा बनने की कोशिश करता है, तो उसके पीछे समाज के कंस पड़ जाते हैं।आइए जानते है क्या है पूरी खबर ......

सवाल :- कवि कुमार विश्वास ने एक बयान दिया था, जिसमें कहा था कि उन्होंने बच्चों को रामायण पढ़नी चाहिए, नहीं तो उनके घर की श्री लक्ष्मी को कोई और लेकर भाग जाएंगे?

जवाब :- कुमार विश्वास एक अच्छे कवि हैं, उनका बड़ा नाम है, उन्होंने जहां तक यह बात कही कि बच्चों को रामायण और गीता पढ़ानी चाहिए। उसमें मैं एक चीज और कहना चाहता हूं कि रामायण, बाइबल, कुरान, गीता आदिग्रंथ सबको पढ़ना चाहिए। यह किसी एक समुदाय की बात नहीं है। इन किताबों के अंदर मनुष्य के उत्थान का सूत्र दिया गया है। मैं खुद ही गीता पढ़ता हूं। जहां तक सवाल है, जो उन्होंने दूसरा भाग कहा है कि कहीं ऐसा न हो आपकी श्री लक्ष्मी कोई और लेकर चला जाए। इस पर मैं कहना चाहता हूं कि स्त्री स्वयंवर करती है। कवि साहब को शायद इस बात का एहसास नहीं होगा। वह स्त्री की पसंद है। सावित्री जी को सत्यवान पसंद आ गए थे तो कुमार विश्वास शायद अनजाने में ऐसा कह गए होंगे। लेकिन, उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था। मुझे लगता है कि सबका परिवार है, इसलिए, किसी के व्यक्तिगत जीवन पर कमेंट नहीं करना चाहिए।

सवाल :- अरविंद केजरीवाल क्या गरीबों के भगवान हैं?

जवाब :- अरविंद केजरीवाल निश्चित ही भगवान हैं, मैं तो पहले ही कह चुका हूं कि वह कृष्ण के अवतार हैं। जब भी कोई व्यक्ति समाज को बदलने की कोशिश करता है और जब भी कोई व्यक्ति गरीबों का मसीहा बनने की कोशिश करता है तो उसके पीछे समाज के जो कंस हैं, पड़ जाते हैं। नहीं तो भगवान कृष्ण जेल के अंदर क्यों पैदा होते हैं, देवकी और वासुदेव ने क्या बिगाड़ा था? लेकिन, जो समाज के कंस हैं। यह नहीं चाहते हैं कि कोई गरीबों के लिए काम करे, मजदूरों के लिए काम करे, सताए हुए लोगों के लिए काम करे। दिल्ली की आज जो स्थिति है, वह पूरे भारत के लिए उदाहरण बनती जा रही है। सबकी हालत खराब है। कहीं 2029 में अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री न बन जाएं। निश्चित तौर पर लोग उनके पीछे पड़े हुए हैं। मैं तो एकदम कहता हूं कि वह भगवान हैं। उन्होंने शिक्षा फ्री कर दी है, अस्पतालों में इलाज मुफ्त कर दिया है। उनकी कितनी दूरदर्शी सोच है, उन्हें पता है कि आज के इस दौर में बुजुर्ग बीमार हुए तो उनकी सेवा करने वाला कोई नहीं होगा। ये कितनी दूरदर्शिता की बात है, ये भगवान के ही लक्षण हैं।

सवाल :- क्या सुनीता केजरीवाल भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में उतर सकती हैं?

जवाब :- मेरे जैसे सामान्य से शिक्षक को उन्होंने गले लगाया। जहां राजा-महाराजाओं की पार्टी है जो सामान्य व्यक्ति की तरफ देखती तक नहीं है। जिस व्यक्ति ने मेरे जैसे सामान्य व्यक्ति को गले लगाया। मैंने उनको देखा है कि वो डेमोक्रेटिक तरीके से काम करते हैं और योग्यता पर हमेशा नजर रखते हैं। लोग कुछ भी कहें, उनका एक अपना काम करने का तरीका है। वह हमेशा ही प्रजातांत्रिक ढंग से ही काम करेंगे।

सवाल :- क्या कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अपील का असर दिल्ली चुनाव में होगा?

 जवाब :- राहुल जी देश के अच्छे नेता हैं। बड़े नेताओं में से एक हैं। अगर वह कुछ अच्छी बात करेंगे तो लोग जरूर उनको सुनेंगे।

 सवाल :- कांग्रेस अरविंद केजरीवाल को दलित विरोधी कह रही है?

जवाब :- बाबा साहेब अंबेडकर एक्सीलेंस स्टडी योजना उनके नाम पर है और अभी अंबेडकर स्कॉलरशिप जो दलित बच्चे बाहर पढ़ने के लिए जाना चाहते हैं, उनके लिए शुरू की गई है। अरविंद केजरीवाल ने खुले मंच से कहा कि डॉ. अंबेडकर मेरे भगवान हैं। मैं उनका भक्त हूं, अगर मेरे भगवान के खिलाफ कोई कुछ बोलेगा तो मुझे बर्दाश्त नहीं होगा।

सवाल :- दिल्ली विधानसभा चुनाव में ओवैसी भी उम्मीदवार उतार रहे हैं। क्या इससे आम आदमी पार्टी को खतरा हो सकता है ?

 जवाब :- हमारी बहनें, बुजुर्गों का आशीर्वाद हमारे साथ है। हमारे बच्चे हमारे साथ हैं, युवा हमारे साथ हैं तो कौन खतरा पैदा करेगा। तो, बचा कौन है, कोई तो बचा होना चाहिए। देश में प्रजातंत्र है। सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार है। लड़ना चाहिए। इसमें कोई दिक्कत नहीं है।

सवाल :- क्या दिल्ली का मुख्यमंत्री दलित होना चाहिए?

 जवाब :- यह जो प्रश्न होता है दलित हो या मुसलमान हो, मेरा मानना है कि पार्टी का जो नियम होता है, इसका एक तरीका होता है। योग्यता के आधार पर किसी को भी बनाया जा सकता है, जब स्वदेशी आंदोलन चल रहा था। तो उसके बाद तिलक ने कांग्रेस को ज्वाइन किया तो उन्होंने सबसे पहले कहा था कि मुस्लिम भाई आगे आएं, दलित भाई आगे आएं। यह योग्यता पर डिपेंड करता है कि जहां-जहां भी है, उसको प्रोत्साहित किया जाए।

सवाल :- दिल्ली चुनाव में संभल एक मुद्दा बन सकता है?

जवाब :- अगर हम पूरे भारत की खुदाई कर डालें। हमारे पार्टी ने एक बयान दिया था कि अगर पार्लियामेंट को खोदा जाए, तो, उसमें भी कुछ ना कुछ निकलेगा, तो, मोदी जी को पार्लियामेंट को भी खुदवा देना चाहिए। लेकिन, मैं तो कहूंगा कि इकोनॉमिक पर सरकार काम करे, जनता बहुत परेशान है। शिक्षा पर काम करे, स्वास्थ्य पर काम करे, अस्पतालों में आए दिन मरीज मर रहे हैं, ऐसी सब बातों पर काम करने की जरूरत है। आज देश जिस परिस्थिति से गुजर रहा है, वहां तो रोजगार की बात होनी चाहिए, आर्थिक संकट से निपटने की बात होनी चाहिए।

सवाल :- क्या पटपड़गंज विधानसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा?

जवाब :- जब तक अंतिम ओवर नहीं हो जाता, तब तक खेल में रोमांच बना रहेगा, जो साहस, हिम्मत से और भगवान के आशीर्वाद से खेलेगा और जिसका रथ भगवान कृष्ण चलाएंगे,वही अर्जुन बनेगा। वही, इस महाभारत को जीतेगा। 

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