12° तापमान में भी कैसे जल रहा है कैलिफोर्निया, जानें सर्दियों में धधकती आग का क्या है कारण?
कैलिफोर्निया का लॉस एंजेलेस सर्दियों के मौसम में विनाशकारी जंगल की आग की चपेट में है। 12 डिग्री तापमान में लगी इस भयानक आग ने 10 लोगों की जान ले ली है और 40,000 एकड़ से ज्यादा इलाके को राख में बदल दिया है। यह घटना आमतौर पर गर्मियों में होती है, लेकिन सर्दियों में आग का लगना जलवायु परिवर्तन की गंभीर चेतावनी है।

कैलिफोर्निया का लॉस एंजेलेस काउंटी इन दिनों विनाशकारी जंगल की आग की चपेट में है। सर्दियों के मौसम में लगी इस भयावह आग ने अब तक 10 लोगों की जान ले ली है और 40,000 एकड़ से अधिक इलाके को राख में बदल दिया है। इस त्रासदी ने सैकड़ों घरों को नष्ट कर दिया है, जिससे लाखों लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं।
आग का असर इतना व्यापक है कि हॉलीवुड हिल्स के पॉश इलाकों से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक, हर जगह तबाही का मंजर है। बीमा कंपनियों का अनुमान है कि इस आग से जली हुई संपत्तियों की कीमत करीब 8 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है।
क्यों चौंकाने वाली है ये घटना?
आमतौर पर जंगल की आग कैलिफोर्निया में गर्मियों और शरद ऋतु के दौरान लगती है, जब तापमान ऊंचा और नमी कम होती है। लेकिन जनवरी के ठंडे मौसम में ऐसी आग लगना दुर्लभ और खतरनाक संकेत है। यह घटना जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को स्पष्ट रूप से उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्लोबल वॉर्मिंग ने कैलिफोर्निया के मौसम को अनियमित और असामान्य बना दिया है। पिछले वर्षों में यहां बारिश की कमी और लंबे समय तक सूखा पड़ा, जिससे वनस्पतियां सूख गईं और आग के लिए आदर्श परिस्थितियां बन गईं।
क्या है सैंटा एना हवाएं?
दक्षिणी कैलिफोर्निया की सैंटा एना हवाएं आग को फैलाने में प्रमुख भूमिका निभाती हैं। ये तेज़ और शुष्क हवाएं आग को इतनी तेजी से फैलाती हैं कि उसे रोकना लगभग असंभव हो जाता है। इस बार हवाएं 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं, जो आग बुझाने के हर प्रयास को विफल कर रही हैं। कैलिफोर्निया के पास विशाल प्रशांत महासागर है, लेकिन समुद्र के पानी का उपयोग आग बुझाने के लिए करना आसान नहीं है। समुद्र के पानी में मौजूद नमक उपकरणों को नुकसान पहुंचाता है और पर्यावरण के लिए हानिकारक होता है। नमकीन पानी मिट्टी की गुणवत्ता को खराब कर देता है, जिससे क्षेत्र में वनस्पतियों की वृद्धि प्रभावित होती है।
इसके अलावा, आग बुझाने के लिए समुद्र से पानी लाने के लिए भारी उपकरणों और खास इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होती है, जो समय और लागत के लिहाज से व्यावहारिक नहीं है।
आग से जुड़ी राजनीति
आग की भयावहता ने अमेरिकी राजनीति में भी हलचल मचा दी है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस घटना के चलते अपना इटली दौरा रद्द कर दिया है, वहीं पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे लेकर बाइडेन प्रशासन पर तीखा हमला बोला है। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर कहा कि फायर हाइड्रेंट में पानी की कमी और फेडरल एजेंसियों के फंड की समस्या आग की तबाही को बढ़ा रही है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि कैलिफोर्निया की आग जलवायु परिवर्तन का स्पष्ट संकेत है। बढ़ते तापमान और सूखे की वजह से जंगल की आग की घटनाएं आम होती जा रही हैं। अध्ययन बताते हैं कि 20वीं सदी के मध्य से लेकर अब तक जलवायु परिवर्तन ने चरम मौसमी घटनाओं की आवृत्ति को 30% से अधिक बढ़ा दिया है। हालांकि हवाओं की रफ्तार अब कम हो रही है और रेड फ्लैग फायर चेतावनियां हटाई जा रही हैं, लेकिन आग पर पूरी तरह काबू पाना अभी भी मुश्किल है। आग बुझाने के बाद सफाई और पुनर्निर्माण का काम लंबा, महंगा और जटिल होगा।
कैलिफोर्निया की आग न केवल प्राकृतिक आपदा है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन और मानवजनित गतिविधियों के प्रभावों की गंभीरता का प्रतीक है। यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम अपनी प्राकृतिक संपत्तियों की रक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठा रहे हैं? जब तक जलवायु परिवर्तन पर ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक ऐसी घटनाएं और आम होती जाएंगी।